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Agyaan
मन तू थकत थकत थकि जाई । बिन थाके तेरो काज न सरिहै फिर पाछे पछिताई...
मन तू क्यों भूला रे भाई तेरी सुधबुध कहाँ हेराई । टेक जैसे पंछी रैन बसेरा...
Agyaan
मन तू थकत थकत थकि जाई । बिन थाके तेरो काज न सरिहै फिर पाछे पछिताई...
मन तू क्यों भूला रे भाई तेरी सुधबुध कहाँ हेराई । टेक जैसे पंछी रैन बसेरा...