सोइ सच्चिदानंद घन रामा। अज बिग्यान रूपो बल धामा।। ब्यापक ब्याप्य अखंड अनंता। अखिल अमोघसक्ति भगवंता।।...
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेहं। निराकारओंकारमूलं तुरीयं गिराग्यान गोतीतमीशं...