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Virah
ओ दूर बैठे चंदा जाना पिया के देस। उन मेरे प्रभु जी को देना मेरा संदेश।।...
म्हारा ओलगिया घर आया जी। तन की ताप मिटी सुख पाया हिल मिल मंगल गाया जी॥...
थे तो पलक उघाड़ो दीनानाथ मैं हाजिरनाजिर कद की खड़ी॥ साजणियां दुसमण होय बैठ्या सबने लगूं...