अवधू मेरा मन मतिवारा ।  उनमनि चढ़ा मगन रस पीवै त्रिभुवन भया उजियारा ॥ टेक  गुड़...

अवधू जानि राखि मन ठाहरि ।  जो कछु खोजो सो तुम्हीं महिं काहे को भरमें बाहरि...

अवधू कौन देश निज डेरा तेरो हंसा लेत बसेरा ॥ टेक  कौन  देश है  कौन दिशा...

अवधू ऐसा ज्ञान विचार । भेरें चढ़े सो अद्धर डूबे निराधार भये पार । टेक  औघट...

अवधू अंधाधुंध अंधियारा ॥ टेक  या घट अंतर बाग  बगीचा याही  में सिरजनहारा ॥ १ या...

अवधू अक्षर से वो न्यारा ॥ टेक  जो तुम पवना गगन चढ़ावो करो गुफा में वासा...

अवधू अमल करै सो पावै । जौ लग अमल असर न होवै तौ लग प्रेम न...

अवधू चाल चले सो प्यारा।। निस दिन नाम विदेही सुमिरे कबहुँ न टूटे तारा।। सपने नाम...