About the book
‘अमृतबिंदु उपनिषद्’ अमरत्व की एक बूँद जो अपने भीतर ब्रह्मविद्या के महासागर को समेटे हुए है। जिस ज्ञानामृत की बूँद को प्राप्त करने के लिए सभी योगी, यति, मुनिजन लालायित रहते हैं, ऐसे अमृतबिंदु उपनिषद् का सर्वजनकल्याण हेतु सरलार्थ करना, यह केवल एक कृपासिंधु श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ सद्गुरु ही कर सकते हैं। ‘अमृतबिंदु उपनिषद्’ पाँच बिंदु उपनिषदों में से एक है। यह उपनिषद् 22 ज्ञानपूर्ण श्लोकों को सारगर्भित करते हुए ऐसा ज्ञान देता है जिससे भेद, भ्रम, अध्यास, संशय सब दूर हो जाते हैं। ॐ का अर्थ, ब्रह्म का वास्तविक स्वरूप व लक्षण, दुःख का मूल कारण, आनंद की प्राप्ति के साधन, परा और अपरा विद्या का अर्थ आदि अनेक विषयों की गहन चर्चा और साधना के सुंदरतम सूत्र इस उपनिषद् को अप्रतिम बनाते हैं। यह उपनिषद् देह, मन, बुद्धि से परे अपने वास्तविक सच्चिदानंद अस्तित्व का बोध् कराता है। ‘अमृतबिंदु उपनिषद्’ यह पुस्तक पूज्या आनन्दमूर्ति गुरुमाँ द्वारा सन् 2019 में ऋषिकेश में साधना शिविर के दौरान दिए गए प्रज्ञापूर्ण प्रवचनों का संकलन है। इस पुस्तक का आरंभ अत्यंत कल्याण की कामना वाले मंगलाचरण से करके पूज्या गुरुमाँ ने इसके सूत्रों में निहित गूढ़ रहस्यों को अति सरल व सुबोध रूप से प्रतिपादित किया है। आइए, अज्ञान से कलुषित मन को पवित्र करने वाले इस ज्ञानामृत का रसपान करें।